Close

    विभाग के बारे में

    प्रकाशित तिथि : फ़रवरी 20, 2025

    समाज कल्याण विभाग भारत के संविधान के अनुच्छेद 46 के प्राविधानों के आलोक में उत्तराखण्ड सरकार समाज के सर्वाधिक निर्बल वर्गों यथा अनुसूचित जाति, निराश्रित वृद्ध एवं असहाय लोगों के समग्र उत्थान हेतु कृत संकल्प है।
    नव गठित उत्तराखण्ड राज्य में 2001 की जनगणना के आधार पर साक्षरता का सकल प्रतिशत 79.60, जिनमें पुरूषों का प्रतिशत 83.30 तथा महिलाओं का प्रतिशत 59.60 है। वर्ष 2001 की जनगणना के आधार पर राज्य की कुल जनसंख्या 84,89,349 में से अनुसूचित जाति की जनसंख्या 15,17,186 तथा अनुसूचित जनजाति की जनसंख्या 2,56,129 हैं। प्रदेश की कुल जनसंख्या में अनुसूचित जातियों की जनसंख्या 17.9 प्रतिशत है तथा अनुसूचित जनजातियों की जनसंख्या 03 प्रतिशत है। आबादी के इस शोषित एवं उपेक्षित वर्ग के सर्वांगीण विकास के बिना प्रदेश का विकास भी सम्भव नहीं है। विकास के इस मुख्य बिन्दु को ध्यान में रखते हुए ही समाज कल्याण विभाग की स्थापना की गयी है।