कोविड-19 संक्रमण को फैलने से रोकें            दो गज की दूरी, सुरक्षा हेतु है जरूरी,            मास्क व सामाजिक दूरी को बनाकर अपनी ढाल, देश जीतेगा हर हाल

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सामाजिक सुरक्षा एवं कल्याण

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सामाजिक सुरक्षा एवं कल्याण के अन्तर्गत प्रमुख योजनायें :

1) अशक्त एवं वृद्ध गृहों का संचालन :
वृद्ध एवं अशक्त पुरूष एवं महिलाओं  के लिए 50 की क्षमता के दो आवसीय गृह चमोली एवं बागेश्‍वर  में संचालित हो रहे है. 60 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्तियों को आवासीय सुविधा तथा निःशुल्क भोजन, औषधि आदि की व्यवस्था की जाती है।
2) राजकीय भिक्षुक गृह का संचालन :
    भिक्षावृति जैसी सामाजिक कुप्रथा को हतोत्साहित करने के उद्देश्य से वर्ष 1975 से उ.प्र.सरकार ने भिक्षावृति प्रतिषेध अधिनियम लागू किया है. इसके अन्तर्गत उत्तराखण्ड के हरिद्वार में एकमात्र भिक्षुक गृह संचालित है. इसमें 200 भिक्षुकों को निरूद्ध किये जाने की व्यवस्था है।
3) अकिंचन मृतकों के दाह-दफन संस्कार हेतु अनुदान :
लावारिस शवों तथा निर्धन व्यक्तियों की मृत्यु की दशा में उनके अन्तिम संस्कार हेतु राज्य सरकार प्रति व्यक्ति  रूपये 2500 प्रति की दर से दाह संस्कार पर व्यय करती हैं.
4) कश्मीरी विस्थापितों को आर्थिक सहायता :
    प्रदेश में कश्‍मीरी विस्‍थापितों को
आर्थिक सहायता योजना संचालित है,जनपद देहरादून में लगभग 43 कश्‍मीरी विस्‍थापित परिवार हैं , इन परिवारों को भरण-पोषण हेतु पूर्व में रू० 750 प्रतिमाह की आर्थिक सहायता प्रदान की जाती थी,इस भरण पोषण  की धनराशि को  पुनरीक्षित करते हुए 01 अप्रैल, 2005 से रूपये 1125/-प्रतिमाह कर दिया गया है, भरण पोषण की धनराशि लाभार्थियों को जिलाधिकारी के माध्यम से दी जाती है।
5)
वृद्धावस्‍था पेंशन योजना :
    सामाजिक सुरक्षा के अर्न्तगत निराश्रित वृद्धजनों को उनके भरण पोषण हेतु वृद्धावस्था पेंशन योजना लागू की गयी है जिसमें 60 वर्ष से अधिक आयु के निराश्रित वृद्धजनों को निम्न मानकों/शर्तो के अर्न्तगत पेंशन प्रदान करने की योजना है।       
    पेंशन पाने हेतु नियम :
•  लाभार्थी की उम्र 60 वर्ष या अधिक होनी चाहिए।
• लाभार्थी बी0पी0एल0 परिवार का हो अथवा उसकी मसिक आय रु.4000/- तक हो।
•  अभ्यर्थी के कोई पुत्र/पौत्र यदि 20 वर्ष से अधिक आयु के हो किन्तु  गरीबी  की रेखा के नीचे जीवन यापन कर रहे हो तो ऐसे अभ्यर्थी पेंशन से वंचित नही किया जावेगा।
•  गरीबी की रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले 60 वर्ष से अधिक आयु के समस्त अभ्यर्थी राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन योजना में पात्र होंगे।
•  60 वर्ष या अधिक आयु के वृद्धजन जो बी.पी.एल.चयनित परिवार के सदस्य न हों उन्हें पेंशन की पूरी धनराशि राज्य सरकार द्वारा दी जाती है।
6)  राष्ट्रीय सामाजिक सहायता कार्यक्रम (एन० एस० ए० पी०) :
शत प्रतिशत केन्द्रीय सहायतित इस योजनान्तर्गत निम्न प्रकार चार योजनायें संचालित की जाती हैं :    
i)  इन्दिरा गॉधी राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन योजना :
यह योजना राज्य सरकार द्वारा संचालित की जा रही वृद्धावस्था पेंशन योजना के साथ संचालित की जाती है तथा 60 वर्ष एवं इससे ऊपर के पेंशनर जो बी०पी०एल० परिवार के हों ,को रूपये 1200/- प्रतिमाह पेंशन दी जाती है।  जिसमें    80 वर्ष से कम आयु    के व्यक्तियों को 
 रूपये 200/- प्रतिमाह केन्द्रांश से तथा  रूपये 1000/- राज्य सरकार द्वारा वहन किया जाता है। 80 वर्ष से अधिक आयु के वृद्धों को भारत सरकार के अंश से रु.500/- प्रतिमाह तथा राज्य सरकार के अंश से रु.700/- कुल रु.1200/- प्रतिमाह पेंशन प्रदान की जाती है।

ii) इन्दिरा गॉधी राष्ट्रीय दिव्यांग पेंशन योजना :
  इस योजना में निराश्रित दिव्यांग पेंशन पाने के पात्र व्यक्तियों में से ही बी०पी०एल० चयनित परिवारों के 18 वर्ष से 59 वर्ष आयु के 80 प्रतिशत दिव्यांगता अथवा बहुदिव्यांगता वाले दिव्यांग जनों को इस योजना से आच्छादित किया जाता है । इस योजना में राज्य सरकार द्वारा रु.  900/- तथा रु.  300/- केन्द्र सरकार द्वारा प्रदान की जाती है।इस प्रकार वर्तमान में इन्दिरा गॉधी राष्ट्रीय दिव्यांग पेंशन योजना के लाभार्थियों को प्रतिमाह रु० 1200.00 मासिक पेंशन प्रदान की जाती है
iii) इन्दिरा गॉधी राष्ट्रीय विधवा पेंशन योजना :
इस योजना में निराश्रित विधवा महिला पेंशन पाने के पात्र व्यक्तियों में से ही बी० पी०एल० चयनित परिवारों की 40 वर्ष से 79 वर्ष आयु की विधवा महिलाओं को इस योजना से आच्छादित किया जाता है । इस योजना में दिनांक 1.1.2020 से राज्य सरकार द्वारा रु.  900/-तथा रु.  300/-केन्द्र सरकार द्वारा प्रदान की जाती है। इस प्रकार इन्दिरा गॉधी राष्ट्रीय विधवा पेंशन योजना के लाभार्थियों को प्रतिमाह रु०   1200.00 मासिक पेंशन प्रदान की जाती है
iv) राष्ट्रीय पारिवारिक लाभ योजना :
इस योजना में    बीपीएल   परिवार के मुख्य कमाऊ व्यक्ति की मृत्यु होने पर रूपये    20,000/-   की सहायता दिये जाने की व्यवस्था है, जिसमें  आयु सीमा 18 से 59 वर्ष रखी गई है| जिला समाज कल्याण अधिकारी द्वारा संचालित की जा रही है । दिनांक 16.10.2012 से भारत सरकार द्वारा योजना के अर्न्तगत रु. 20000/-एकमुश्त की धनराशि दिये जाने का मानक निर्धारित किया गया है।
 7) निराश्रित विधवाओं की पुत्रियों के विवाह हेतु अनुदान :
निराश्रित विधवायें जो कि विधवा पेंशन पाने की पात्र होती है, की पुत्रियों के विवाह हेतु रूपये 50,000/-   का अनुदान दिया जाता है।
8)  अन्तर्जातीय/अन्तर्धार्मिक विवाह हेतु प्रोत्साहन योजना :
अन्तर्जातीय/अन्तर्धार्मिक विवाह को प्रोत्साहन देने के उद्देश्य से सरकार द्वारा ऐसे युवक/युवतियों, जो अन्तर्जातीय/ अन्तर्धार्मिक विवाह करते हैं, को प्रोत्साहन स्वरुप रूपये 50,000/-  प्रति युगल एक बार दिया जाता है।