कोविड-19 संक्रमण को फैलने से रोकें            दो गज की दूरी, सुरक्षा हेतु है जरूरी,            मास्क व सामाजिक दूरी को बनाकर अपनी ढाल, देश जीतेगा हर हाल

Hit Counter 0006841008 Since: 15-08-2014

परिचय

प्रिंट

 

समाज कल्याण विभाग

भारत के संविधान के अनुच्छेद 46 के प्राविधानों के आलोक में उत्तराखण्ड सरकार समाज के सर्वाधिक निर्बल वर्गों यथा अनुसूचित जाति, निराश्रित वृद्ध एवं असहाय लोगों के समग्र उत्थान हेतु कृत संकल्प है।

नव गठित उत्तराखण्ड राज्य में 2001 की जनगणना के आधार पर साक्षरता का सकल प्रतिशत 79.60, जिनमें पुरूषों का प्रतिशत ८३.३० तथा महिलाओं का प्रतिशत ५९.६० है। वर्र्ष २००१ की जनगणना के आधार पर राज्य की कुल जनसंख्या ८४,८९,३४९ में से अनुसूचित जाति की जनसंख्या १५,१७,१८६ तथा अनुसूचित जनजाति की जनसंख्या २,५६,१२९ हैं। प्रदेश की कुल जनसंख्या में अनुसूचित जातियों की जनसंख्या १७.९ प्रतिशत है तथा अनुसूचित जनजातियों की जनसंख्या ०३ प्रतिशत है। आबादी के इस शोषित एवं उपेक्षित वर्ग के सर्वांगीण विकास के बिना प्रदेश का विकास भी सम्भव नहीं है। विकास के इस मुख्य बिन्दु को ध्यान में रखते हुए ही समाज कल्याण विभाग की स्थापना की गयी है।