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अनुसूचित जाति कल्याण की योजनायें
1) अनुसूचित जाति पूर्वदशम छात्रवृति:-
इस योजना के अर्न्तगत कक्षा 1 से 8 तक की कक्षाओं तथा आई.टी.आई. कक्षाओं में
अध्ययनरत छात्र/छात्राओं को छात्रवृति निम्न मानकों के अनुसार प्रदान की जाती है :
छात्रवृति के लिए पात्रता
• छात्र/छात्रा राज्य में संचालित मान्यता प्राप्त विद्यालय में संस्थागत छात्र के रुप में अध्ययनरत हो।
• छात्र /छात्रा का विगत वर्ष की कक्षा में उतीर्ण रहा/रही हो।
• छात्र/छात्रा को किसी अन्य प्रकार की छात्रवृति प्राप्त न हो रही हों।
• कक्षा 1 से 8 तक अध्ययनरत सभी छात्र/छात्राओं को छात्रवृति प्रदान किये जाने का प्राविधान है।
• छात्रवृति हेतु विद्यार्थियों को अपने विद्यालय में ही आवेदन करना है ।
• छात्रवृति हेतु आवेदन राष्ट्रीय छात्रवृत्ति पोर्टल (https://scholarships.gov.in) पर प्रतिवर्ष किए जाएंगे| छात्र Fresh/Renewal आवेदन कर सकते हैं|
• अनुसूचित जाति कक्षा 1 से 8 एवं आई.टी.आई छात्रवृत्ति की दरें निम्न हैं :-
( वर्ष 2005-06 से प्रभावी दरें )
कक्षा 1 से 5 रु.50/- प्रतिमाह
कक्षा 6 से 8 रु. 80/- प्रतिमाह
छात्रवृति का भुगतान विद्यार्थियों को उनके नाम से खोले गये CBS बैंक खातों के माध्यम से किये जाने की व्यवस्था है।
2) अनुसूचित जाति कक्षा 9 से 10 के छात्रों को छात्रवृति:-
(वर्ष 2011-12 से कक्षा 9-10 की छात्रवृति केन्द्र सरकार द्वारा संचालित की जा रही है)
छात्रवृति के लिए पात्रता
अनुसूचित जाति दशमोत्तर छात्रवृति:-
इस योजना के अर्न्तगत दशमोत्तर कक्षाओं में अध्ययनरत छात्र/छात्राओं को छात्रवृत्ति निम्न मानकों के अनुसार प्रदान की जाती है :
छात्रवृत्ति के लिए पात्रता
• उत्तराखण्ड राज्य का निवासी छात्र/छात्रा राज्य अथवा राज्य से बाहर में संचालित मान्यता प्राप्त विष्वविद्यालय/तकनीकी/चिकित्सकीय /प्रबन्धन संस्थान में संस्थागत छात्र के रुप में अध्ययनरत हो।
• छात्र /छात्रा का विगत वर्ष की कक्षा में उतीर्ण रहा/रही हो ।
• छात्र /छात्रा द्वारा वर्तमान कोर्स से पूर्व कोई व्यवसायिक कोर्स न किया हो।
• छात्र/छात्रा को किसी अन्य प्रकार की छात्रवृति प्राप्त न हो रही हों।
• छात्रवृति उन छात्र/छात्राओं को अनुमन्य होगी जिनके माता-पिता /अभिभावकों की वार्षिक आय रु. 250000/- (रु. दो लाख पचास हजार ) तक हो ।
• छात्रवृति हेतु विद्यार्थियों को अपने संस्थान में ही आवेदन करना है ।
• छात्रवृति हेतु आवेदन करने की तिथि एवं अन्तिम तिथि शासन द्वारा निर्धारित की जाएगी| छात्रवृति आवेदन छात्र-छात्राओं को निर्धारित की गई तिथि के दौरान करना होगा|
• प्रदेश से बाहर अध्ययन करने वाले छात्र/छात्राओं को सम्बन्धित संस्था के पत्र के साथ आवेदन-पत्र अपने निवास के जनपद के जिला समाज कल्याण अधिकारी, को दिनांक 30 नवम्बर तक प्रेषित करने होंगे।
• प्रत्येक विद्यालय स्तर पर छात्रवृति की स्वीकृति हेतु समिति गठित है। छात्रवृति स्वीकृति समिति समस्त पात्र छात्र/छात्रा को छात्रवृति स्वीकृति प्रदान कर छात्रवृति स्वीकृति सूची तथा संबंधित कोर्स के लिए विश्वविद्यालय /संबंधित कोर्स के लिए शासन द्वारा निर्धारित नान-रिफन्डेबुल फीस का विवरण सहित मॉग पत्र जिला शिक्षा अधिकारी के माध्यम से जिला समाज कल्याण अधिकारी को उपलब्ध करवाये जाने की व्यवस्था है।
• प्रदेश से बाहर स्थित विश्वविद्यालयों/संस्थानों में अध्ययनरत छात्र/छात्राओं छात्रवृति का आवेदन अपने संस्था में प्रस्तुत करने की अन्तिम तिथि 30 नवम्बर निर्धारित है। छात्र/छात्रा द्वारा प्रस्तुत आवेदन-पत्र के अनुसार यदि निर्धारित मानकों के अनुरुप छात्रवृति अनुमन्य है तो संबंधित संस्थान अपने स्तर से छात्रवृति का फार्म उस जिले के जिला समाज कल्याण अधिकारी को प्रेषित करेंगें जिस जिले का छात्र निवासी है।
• छात्रवृति हेतु पात्र होने के लिए पात्र होने की स्थिति में संबंधित जिला समाज कल्याण अधिकारी द्वारा छात्रवृति तथा शुल्क की धनराशि संबंधित छात्र/छात्रा के नाम से संचालित राष्ट्रीयकृत बैंक के सी०बी०एस० एकाउन्ट में स्थानान्तरित करने की व्यवस्था है।
• यह छात्रवृति भारत सरकार द्वारा निर्धारित नियमावली के अन्तर्गत प्रदान की जाती है।
• छात्रवृति केवल प्रवेश की तिथि से पाठ्यक्रम के अन्तिम वर्ष की परीक्षा के माह तक (पाठ्यक्रम के प्रथम वर्ष में प्रवेश माह की 20 तारीख के बाद हुआ है तो छात्रवृति अगले माह से अनुमन्य होगी)
अनुसूचित जाति के दशमोत्तर कक्षाओं में छात्रवृत्ति निम्न दरों एंव मानकों के आधार पर दी जाती हैः-
(दिनांक 01.07.2010 से प्रभावी)
छात्रवृति के मानक |
अवधि (अधिकतम) |
|||
पाठ्यक्रम |
दर प्रतिमाह |
माता- पिता की वार्षिक आय सीमा |
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हास्टलर |
डेस्कालर |
|||
समूह &1 औषधि (एलोपैथिक भारतीय तथा अन्य मान्यता प्राप्त औषधि पद्धतियों)इंजीनियरी, प्रौद्योगिकी, कृषि, पशु- चिकित्सा एवं सम्बद्व विज्ञान, प्रबन्धन, बिजनेस, वित्त, बिजनेस प्रशासन तथा कम्पयूटर अनुप्रयोग/विज्ञान वाणिज्यिक पायलट लाईसेन्स (हैलीकाप्टर पायलट तथा मल्टी इंजन रेटिग पाठ्यक्रम में डिग्री तथा स्नात्कोत्तर स्तरीय पाठ्यक्रम) (एम.फिल, पी.एच.डी. तथा पोस्ट डाक्टोरल अनुसंधान)। |
रू. 1200 |
रु.530 |
रु.2.50 लाख तक |
प्रवेश की तिथि से पाठ्यक्रम के अन्तिम वर्ष की परीक्षा के माह तक (पाठ्यक्रम के प्रथम वर्ष में प्रवेश माह की 20 तारीख के बाद हुआ है तो अगले माह से छात्रवृति अनुमन्य होगी) |
समूह -2 समूह 1 में शामिल न किये गये अन्य व्यावसायिक तथा तकनीकी स्नातक तथा स्नात्कोत्तर (एम.फिल, पी.एच.डी.तथा पोस्ट डाक्टोरल अनुसंधान) स्तरीय पाठ्यक्रम। सी.ए./आई.सी.डब्लू ए/सी एस आदि पाठ्क्रम। सभी स्नात्कोत्तर, स्नातक स्तरीय डिप्लोमा पाठ्यक्रम, सभी प्रमाण पत्र स्तरीय पाठ्यक्रम |
रू.820 |
रु.530 |
||
समूह - 3 स्नातक या इससे अधिक के डिग्री के सभी अन्य पाठ्यक्रम (जो समूह एक तथा 2 में शामिल नहीं किये गये है) |
रू.570 |
रु.300 |
||
समूह - 4 समूह 2 या 3 में शामिल न किये गये 10+2 पद्धति में कक्षा 11 तथा 12 और इन्टरमीडिएट परीक्षा जैसे ग्रेज्युएशन करने से पूर्व के सभी दशमोत्तर स्तरीय पाठ्यक्रम। आई.टी.आई पाठ्यक्रम अन्य व्यवसायिक पाठ्क्रम (यदि पाठ्क्रम में पढने के लिए न्यून्तम अपेक्षित आर्हता कम से कम मेट्रिकुलेशंन हो) |
रू.380 |
रु.230 |
3) अस्वच्छ पेशा (चमडा उतारने, चमड़ा कमाने, मैला उठाने) में लगे व्यक्तियों के बच्चों को विशेष छात्रवृति :-
100 प्रतिशत केन्द्र पुरोनिधानित यह विशेष योजना वर्ष 1977-78 से संचालित है। वर्ष 1991-92 से पूर्व इसमें केवल 6 से 10 तक पढ़ने वाले छात्रों के छात्रावास में रहने पर लाभान्वित किया जाता था.
• इस योजना में अभिभावकों/माता पिता की आय सीमा को समाप्त कर दिया गया है। भारत सरकार द्वारा अब इस योजना की प्रक्रिया दरों में निम्नवत् संशोधन कर दिया गया है, जो 01 अप्रैल, 2008 से प्रभावी है।
• छात्रवृति की स्वीकृति /भुगतान की प्रक्रिया पूर्वदशम छात्रवृति के अनुसार ही विद्यालय द्वारा अपनायी जाती है।
• छात्रवृत्ति की दरें निम्नवत है:-
अ) आवासीय छात्रों के लिए :
कक्षा 3 से 10 तक 700 रू० प्रतिमाह 10 माह हेतु
ब) अनावासीय छात्रों के लिए :
कक्षा 1 से 10 तक 110 रू० प्रतिमाह 10 माह हेतु
उपरोक्त के अतिरिक्त आवासीय छात्रों को रू० 1000 तथा अनावासीय छात्रों को रू० 750 प्रतिवर्ष तदर्थ अनुदान दिये जाने की व्यवस्था नवीन प्रस्तावित योजना में भारत सरकार द्वारा कर दी गई है|
4) अनुसूचित जाति के छात्रों को मेरिट उच्चीकृत छात्रवृत्ति दिये जाने की योजना :-
• अनुसूचित जाति के मेधावी किन्तु सुविधा विहीन छात्र/छात्राओं को मेडिकल और इन्जीनियरिंग में प्रवेश हेतु प्रतियोगी परीक्षाओं में सफल होकर अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित सीटों की पूर्ति हेतु कक्षा 9 से 12 तक चार वर्ष की रेमिडियल कोचिंग प्रदान कर उनके शैक्षिक अवरोधों को दूर करने के उद्देश्य से भारत सरकार से शत-प्रतिशत सहायतित यह योजना उत्त्तराखण्ड के पौड़ी एवं नैनीताल के राजकीय इण्टर कॉलेजों मे वर्ष 1988-89 में शिक्षा विभाग द्वारा संचालित थी, जो वर्ष 1994-95 मे समाज कल्याण विभाग को स्थानान्तरित की गई,। इस योजना का संचालन वर्तमान में जनपद पौडी में हो रहा है तथा योजना को उत्तराखण्ड के सभी जनपदों मे संचालित किये जाने का प्रस्ताव है। इसके अन्तर्गत प्रति छात्र रूपये 8000/-वार्षिक तथा प्रत्येक विद्यालयों के प्रधानाचार्य एवं विषय विशेषज्ञों को शिक्षण हेतु रूपये 7000/- वार्षिक दिये जाने का प्राविधान है।
5) स्वैच्छिक संगठनों द्वारा शिक्षा सम्बन्धी कार्य तथा उन्हें दी जाने वाली आर्थिक सुविधायें :-
• ऐसे स्वैच्छिक संगठन जो अनुसूचित जाति के बच्चों की शिक्षा में गहरी रूचि लेते है और विद्यालयों को संचालित कर शिक्षा देते है, उन्हें शासन की वित्तीय स्थिति तथा नीतियों के अनुसार अनावर्तक अथवा आवर्तक अनुदान दिया जाता है.ऐसी संस्थाये जो अनुसूचित जाति के विद्यार्थियों को शिक्षा के प्रसार हेतु वाचनालयों/पुस्तकालयों एवं छात्रावासों की भी सुविधाये देते है,उन्हें भी अनुदान दिया जाता है. अनुदान के लिए स्वैच्छिक संगठनों द्वारा संचालित विद्यालयों में इस बात का विशेष ध्यान दिया जाता है कि इसमें अनुसूचित जाति के छात्रों की संख्या अनुपात में 50 प्रतिशत से कम न हो. आवर्तक अनुदान प्राप्त प्राइमरी पाठशालाओं में अनुमन्य अध्यापकों के लिए विभाग द्वारा निर्धारित वेतनमान के अनुसार समतुल्य वेतन की धनराशि प्रत्येक वर्ष आवर्तक अनुदान के रूप में प्रदान की जाती है. आवर्तक अनुदान पर अनुदानित छात्रावासों/पुस्तकालयों को आवर्तक व्यय की मदों पर नियमानुसार देय धनराशि आवर्तक अनुदान के रूप में दी जाती है.
6) अनुसूचित जाति के अभ्यर्थियों को सिविल/राज्य सेवाओं हेतु परीक्षा पूर्व प्रशिक्षण योजना :-
उत्तराखण्ड में संचालित परीक्षापूर्व प्रशिक्षण(आई.ए.एस./पी.सी.एस.) केन्द्रों में देय छात्रवृति की दरें-
क्र.सं. |
अध्ययन पाठ्यक्रम |
देय छात्रवृति |
|
1 |
कोचिंग प्राप्त करने वाले स्थानीय छात्रों के लिए |
रू 750/- प्रति माह |
|
2 |
|
रू 1500/- प्रति माह |
उत्तराखण्ड राज्य की स्थापना के बाद यहां के अनुसूचित जाति/जनजाति के व्यक्तियों के लिए इस राज्य में भी एक ऐसे ही परीक्षा पूर्व प्रशिक्षण केन्द्र की आवश्यकता अनुभव की गयी है जिसमें निर्धन अनुसूचित जाति के मेधावी नवयुवकों को प्रशासनिक सेवाओं की प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता प्राप्त करने के उददेश्य से चरणबद्ध कोचिंग की व्यवस्था हो।
7) प्रदेश के अनुसूचित जातियों के कल्याण हेतु राजकीय औद्योगिक आस्थान का संचालन :
• प्रदेश मे अनुसूचित जाति के व्यक्तियों का शहरी क्षेत्रों में उद्योग स्थापित करने हेतु विभाग द्वारा हल्द्वानी (नैनीताल) में औद्योगिक आस्थान संचालित है, जिसमें 15 शेड तथा 19 प्लाट हैं,जो अनुसूचित जाति के उद्यमियो को अपने उद्योग संचालित करने के लिए कम किराये पर उपलब्ध कराये जाते है.प्रति शेड रूपया 25 प्रति माह भूखण्ड लीज डीड एवं शर्तो के अधीन दिये जाने का प्राविधान है.तथा शिल्पी हाट योजना के अर्न्तगत 25 दुकाने अनुसूचित जाति के शिल्पियों को अपने उत्पादों के विपणन हेतु आबंटित किया जाता है।
8) अनुसूचित जाति,अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम-1989 तथा नागरिक अधिकार संरक्षण अधिनियम, 1955 का क्र्रियान्वयन :
• अनुसूचित जातियों के प्रति अस्पृश्यता/छुआछूत की भावना को समाप्त करने के उद्देश्य से नागरिक अधिकार संरक्षण अधिनियम, 1955 तथा अनुसूचित जाति/जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989 का क्रियान्वयन पूरे प्रदेश में किया जा रहा है।अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम 1989 के अधीन भारत सरकार के असाधारण राजपत्र दिनांक 31 मार्च,1995 के भाग-2 खण्ड-3 में प्रख्यापित अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण )नियमावली 1995 के आधार पर उत्पीड़ित अनुसूचित जाति/जनजाति के व्यक्तियों को विभिन्न प्रकार के उत्पीड़न की घटनाओं के अनुसार अधिकतम रूपये 8,25,000/- की आर्थिक सहायता दो चरणों में दिये जाने का प्रविधान किया गया है।
9) अनुसूचित जातियों हेतु आई. टी. आई. की स्थापना :
• वर्तमान में उत्तराखण्ड में अनुसूचित जाति के छात्रों को निःशुल्क प्राविधिक शिक्षा प्रदान करने हेतु 03 विभागीय आई. टी. आई. क्रमशः पाइंस (नैनीताल), मालधनचौड़ एवं जनपद बागेश्वर में स्थापित है, जिसमें 333 छात्रों की प्रशिक्षण की क्षमता है,
10) आश्रम पद्धति विद्यालयों का संचालन :
• प्रदेश में अनुसूचित जाति के बालक/बालिकाओं के शैक्षिक उत्थान के लिए समाज कल्याण विभाग द्वारा आश्रम पद्वति विद्यालयों की स्थापना की गई है। इन विद्यालयों में अनुसूचित जाति के ऐसे परिवार,जो अपने बच्चों की न्यूनतम आवश्यकता की पूर्ति नही कर पाते हैं तथा अत्यन्त निर्धन हैं, के बच्चो को प्रवेश मिलता है। इन विद्यालयों में प्रवेशित बच्चों को निःशुल्क शिक्षा, आवास, वस्त्र आदि सुविधाएं प्रदान की जाती है। उत्तराखण्ड मे अनुसूचित जाति के बालकों हेतु निम्न 6 राजकीय आश्रम पद्वति विद्यालय संचालित हैः-
1. राजकीय आश्रम पद्धति विद्यालय,बेतालघाट जनपद नैनीताल में कक्षा 6 से 10 तक
2. राजकीय आश्रम पद्धति विद्यालय,सैकोट जनपद चमोली में कक्षा 1 से 8 तक
3. राजकीय आश्रम पद्वति विद्यालय,देहरादून कक्षा 1 से 5 तक
4. राजकीय आश्रम पद्वति विद्यालय,रुद्रपुर कक्षा 1 से 5 तक
5. राजकीय आश्रम पद्वति विद्यालय,श्रीनगर जनपद÷-पौड़ी. कक्षा 1 से 5 तक
6. राजकीय आश्रम पद्वति विद्यालय,जैंती जनपद-अल्मोड़ा कक्षा 1 से 5 तक
निराश्रित बालिकाओं हेतु भी एक राजकीय बालिका आश्रम पद्धति विद्यालय, बागेश्वर कक्षा 1 से 5 तक षिक्षा हेतु संचालित है।
11)अनुसूचित जाति छात्र/छात्राओं हेतु छात्रावास :-
• अनुसूचित जाति के छात्र/छात्राओं को अपने घरों से दूर शिक्षा ग्रहण करने हेतु आवासीय सुविधा एवं भोजन व्यवस्था उपलब्ध कराने के उद्देश्य से वर्तमान में 15 छात्रावास संचालित हैं।
12) अनुसूचित जाति के व्यक्तियों की पुत्रियों की शादी हेतु अनुदान की व्यवस्था :-
• अनुसूचित जाति के पुत्रियों की शादी हेतु विभाग द्वारा योजना संचालित है। यह योजना वर्ष 1982 से संचालित है. इस योजना के अन्तर्गत बीपीएल अथवा रूपये 15,000/- तक वार्षिक आय वाले अनुसूचित जाति के व्यक्तियों को वर्ष 2013-14 से पुत्रियों की शादी हेतु रूपये 50,000/- की आर्थिक सहायता दी जाती है।
13) अनुसूचित जाति बाहुल्य क्षेत्रों में अवस्थापना सुविधाओं का विकासः-
• अनुसूचित जाति के बाहुल्य ग्रामों में सड़क निर्माण, विद्वुतीकरण, पेयजल, खण्ड़जा गली निर्माण एवं मूल भूत सुविधाऐं उपलब्ध कराने के उद्देश्य से इस योजना का संचालन किया जा रहा है।
14) अटल आवास योजनाः-
ग्रामीण क्षेत्र में निवासरत अनुसूचित जाति के निर्धन एंव बी०पी०एल० चयनित परिवारों जिन्हें सरकार द्वारा संचालित किसी भी आवास योजना में आवास निर्माण हेतु धनराशि प्राप्त नही हुई है तथा परिवार आवास विहीन है ,ऐसे परिवारों को आवास उपलब्ध कराये जाने हेतु अटल आवास योजना प्रारम्भ की गयी जिसका क्रियान्वयन निम्नानुसार किया जाता हैः-
• अनुसूचित जाति के आवासहीन परिवार के नाम पर ग्रामीण क्षेत्र में आवास निर्माण हेतु निजी भूमि उपलब्ध हो।
• संबंधित परिवार बी०पी०एल० चयनित हो अथवा परिवार की वार्षिक आय रु.32,000/- तक हो।
• आवास कम से कम 20 वर्ग मीटर क्षेत्रफल में जिसके साथ शौचालय का निर्माण अनिवार्य है ।
• मकान बनाये जाने हेतु पर्वतीय क्षेत्र में रु.38,500/- तथा मैदानी क्षेत्रों में रु.35,000/- की धनराशि अनुदान स्वरुप प्रदान की जाती है।
Ministry of Social Justice and Empowerment
Ministry of Tribal Affairs
Ministry of Women & Child Development
Eklavya Adarsh Awasiya Vidhyalaya, Dehradun