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पिछड़ा वर्ग कल्याण की योजनायें :-
1. पिछड़ी जाति पूर्वदशम छात्रवृत्ति-
इस योजना के अर्न्तगत कक्षा 3 से 10 तक की कक्षाओं में अध्ययनरत छात्र/छात्राओं को छात्रवृति निम्न मानकों के अनुसार प्रदान की जाती है :
छात्रवृति के लिए पात्रता:-
• छात्र/छात्रा राज्य में संचालित मान्यता प्राप्त विद्यालय में संस्थागत छात्र के रुप में अध्ययनरत हो।
• छात्र /छात्रा का विगत वर्ष की कक्षा में उतीर्ण रहा/रही हो।
• छात्र/छात्रा को किसी अन्य प्रकार की छात्रवृति प्राप्त न हो रही हों।
• छात्र/छात्रा के माता-पिता/अभिभावकों की मासिक आय रु.44,500/- तक हो।
• कक्षा 3 से 5 तक प्रत्येक विद्यालय प्रत्येक कक्षा में एक एक छात्र कुल 3 छात्र तथा कक्षा 6 में 2 कक्षा 7 व 8 में 3-3 छात्र कुल 8 छात्र/छात्रा संख्या का मानक निर्धारित हैं।
• कक्षा 9 तथा 10 में उक्त आय सीमा के अर्न्तगत आने वाले समस्त छात्र/छात्राओं को छात्रवृति अनुमन्य है।
• छात्रवृति हेतु विद्यार्थियों को अपने विद्यालय में ही आवेदन करना है ।
• छात्रवृति हेतु आवेदन करने की अन्तिम तिथि 31.मई(प्रत्येक वर्ष) तथा नये प्रवेश की स्थिति में 31 जुलाई निर्धारित की गयी है।
• प्रत्येक विद्यालय स्तर पर छात्रवृति की स्वीकृति हेतु समिति गठित है। छात्रवृति स्वीकृति समिति समस्त पात्र छात्र/छात्रा को छात्रवृति स्वीकृति प्रदान कर छात्रवृति स्वीकृति सूची खण्ड शिक्षा अधिकारी तथा जिला शिक्षा अधिकारी के माध्यम से जिला समाज कल्याण अधिकारी को उपलब्ध करवाये जाने की व्यवस्था है। जिला समाज कल्याण अधिकारी द्वारा संबंधित विद्यालय के विद्यार्थियों हेतु छात्रवृति की धनराशि विद्यालय के छात्रवृति संयुक्त खाते जिसका संचालन प्रधानाध्यापक तथा संस्था के एक अध्यापक अथवा प्रधानाध्यापक एंव ग्राम प्रधान द्वारा किया जाता है, में स्थानान्तरित की जाती है।
• पिछडी जाति जाति कक्षा 3 से 10 छात्रवृत्ति की दरें निम्न हैं :-
( वर्ष 2005-06 से प्रभावी दरें )
कक्षा 3 से 5 रु.50/- प्रतिमाह 10 माह हेतु
कक्षा 6 से 8 रु. 80/- प्रतिमाह 10 माह हेतु
कक्षा 9 से 10 रु. 100/- प्रतिमाह 10 माह हेतु
2. पिछड़ी जाति के दशमोत्तर कक्षाओं में अध्ययनरत छात्रों को छात्रवृत्तिः-
इस योजना के अर्न्तगत दशमोत्तर कक्षाओं में अध्ययनरत छात्र/छात्राओं को छात्रवृति निम्न मानकों के अनुसार प्रदान की जाती है:
छात्रवृति के लिए पात्रता
• उत्तराखण्ड राज्य का निवासी छात्र/छात्रा राज्य अथवा राज्य से बाहर में संचालित मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय/तकनीकी/चिकित्सकीय/प्रबन्धन संस्थान में संस्थागत छात्र के रुप में अध्ययनरत हो।
• छात्र /छात्रा का विगत वर्ष की कक्षा में उतीर्ण रहा/रही हो ।
• छात्र /छात्रा द्वारा वर्तमान कोर्स से पूर्व कोई व्यवसायिक कोर्स न किया हो।
• छात्र/छात्रा को किसी अन्य प्रकार की छात्रवृति प्राप्त न हो रही हों।
• छात्रवृति उन छात्र/छात्राओं को अनुमन्य होगी जिनके माता-पिता /अभिभावक की वार्षिक आय रु. 100000/- (रु. एक लाख ) तक हो ।
• छात्रवृति हेतु विद्यार्थियों को अपने संस्थान में ही आवेदन करना है ।
• छात्रवृति हेतु आवेदन करने की अन्तिम तिथि 31 मई (प्रत्येक वर्ष) तथा नये प्रवेच्च की स्थिति में 31 जुलाई निर्धारित की गयी है।जिन पाठयक्रमों में प्रवेच्च 30 सितम्बर के बाद हो वहां प्रवेच्च के एक माह के भीतर आवेदन करना होगा।
• प्रदेश से बाहर अध्ययन करने वाले छात्र/छात्राओं को सम्बन्धित संस्था के पत्र के साथ आवेदन-पत्र अपने निवास के जनपद के जिला समाज कल्याण अधिकारी, को दिनांक 30 नवम्बर तक प्रेषित करने होंगे।
• प्रत्येक विद्यालय स्तर पर छात्रवृति की स्वीकृति हेतु समिति गठित है। छात्रवृति स्वीकृति समिति समस्त पात्र छात्र/छात्रा को छात्रवृति स्वीकृति प्रदान कर छात्रवृति स्वीकृति सूची तथा संबंधित कोर्स के लिए विश्वविद्यालय /संबंधित कोर्स के लिए शासन द्वारा निर्धारित नान-रिफन्डेबुल फीस का विवरण सहित मॉग पत्र जिला शिक्षा अधिकारी के माध्यम से जिला समाज कल्याण अधिकारी को उपलब्ध करवाये जाने की व्यवस्था है।
• प्रदेश से बाहर स्थित विष्वविद्यालयों/संस्थानों में अध्ययनरत छात्र/छात्राओं छात्रवृति का आवेदन अपने संस्था में प्रस्तुत करने की अन्तिम तिथि 30 नवम्बर निर्धारित है। छात्र/छात्रा द्वारा प्रस्तुत आवेदन-पत्र के अनुसार यदि निर्धारित मानकों के अनुरुप छात्रवृति अनुमन्य है तो संबंधित संस्थान अपने स्तर से अनुसार छात्रवृति का फार्म उस जिले के जिला समाज कल्याण अधिकारी को प्रेषित करेंगें, जिस जिले का छात्र निवासी है।
• छात्रवृति हेतु पात्र होने के लिए पात्र होने की स्थिति में संबंधित जिला समाज कल्याण अधिकारी द्वारा छात्रवृति तथा शुल्क की धनराशि संबंधित छात्र/छात्रा के नाम से संचालित राष्ट्रीयकृत बैंक के सी०बी०एस० एकाउन्ट में स्थानान्तरित करने की व्यवस्था है।
• यह छात्रवृति भारत सरकार द्वारा निर्धारित नियमावली के अन्तर्गत प्रदान की जाती है।
• छात्रवृति केवल प्रवेश की तिथि से पाठ्यक्रम के अन्तिम वर्ष की परीक्षा के माह तक (पाठ्यक्रम के प्रथम वर्ष में प्रवेश माह की 20 तारीख के बाद हुआ है तो छात्रवृति अगले माह से अनुमन्य होगी) ।
पिछड़ी जाति के दशमोत्तर कक्षाओं में अध्ययन करने वाले विद्यार्थियों को छात्रवृति निम्न दरों एंव मानकों के अनुसार प्रदान की जाती हैः-(दिनांक 01.07.2011 से प्रभावी)
वर्ग |
छात्रवृति के मानक |
अवधि (अधिकतम) |
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पाठ्यक्रम |
दर प्रतिमाह |
माता-पिता की वार्षिक आय सीमा |
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हास्टलर |
डेस्का-लर |
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पिछड़ी जाति |
1.स्नातक द्धितीय एंव तृतीय वर्ष सामान्य पाठ्यक्रम |
रू. 260/- |
रु.160/- |
अधिकतम रुपये 1.00 लाख(रू एक लाख) तक वार्षिक आय। |
प्रवेश की तिथि से पाठ्यक्रम के अन्तिम वर्ष की परीक्षा के माह तक (पाठ्यक्रम के प्रथम वर्ष में प्रवेश माह की 20 तारीख के बाद हुआ है तो अगले माह से छात्रवृति अनुमन्य होगी ) |
2. विधि उपाधि,पुस्तकालय विज्ञान, शारीरिक शिक्षा, स्नात्तकोत्तर डिप्लोमा तथा स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम |
रू.400/- |
रु.210/- |
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3.डिप्लोमा,इंजीनियर,चिकित्सा, भोजन प्रबन्ध,नर्सिग एंव फार्मेसी में उपाधि |
रू.510/- |
|
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4.मेडिकल,इन्जीनियर डिग्री स्तर,स्नातक/स्नातकोत्तर स्तर के व्यावसायिक अध्ययन शोध |
रु. 750/- |
रु.350/- |
Ministry of Social Justice and Empowerment
Ministry of Tribal Affairs
Ministry of Women & Child Development
Eklavya Adarsh Awasiya Vidhyalaya, Dehradun